मेष लग्न पर टिप्पणी
मेष लग्न वालो का वैवाहिक जीवन अधिक सुख माय नहीं होता है क्यों की शुक्र सप्तम भाव व् दुसरे भाव का भी स्वामी होता है और आप को जानकारी होनी चाहिए की ये दोनों भाव मर्त्यु से भी जुड़े होते है और दूसरी ख़ास बात यह है की मंगल और शुक्र दोनों ग्रह आपस में मित्र भी नहीं है अत मेष लग्न क्र मूल भुत लक्षणों से स्पष्ट है इन जातको का जीवन मूल भुत आनंद और व् भोतिक सुखो के लिए नहीं होता है दुःख ही परम सत्य है भगवन बुध्ह ने खा था की जीवन में दुखो के बाद व्यक्ति को जो अनुभूत आनंद के बाद जो ज्ञान प्राप्त होता है वाही इनका धन है
पंडित ध्यान चन्द्र कुश ज्योतिषाचार्य
कुश ज्योतिष अनुसन्धान संसथान
१५ फ पालिका बाजार अंसारी रोड
मुज़फ्फर नगर -सम्पर्क सूत्र -९३१९४००७२१
पंडित ध्यान चन्द्र कुश ज्योतिषाचार्य
कुश ज्योतिष अनुसन्धान संसथान
१५ फ पालिका बाजार अंसारी रोड
मुज़फ्फर नगर -सम्पर्क सूत्र -९३१९४००७२१
0 comments:
Post a Comment