कुभ लग्न में रत्न धारण
आज बात करते है कुभ लग्न में रत्न धारण करने का लघु विश्लेषण
माणिक्य ----सब से पहले बात करते है इस लग्न का स्वामी शनि है जो सूर्य का पुत्र तो है लेकिन पिता और पुत्र में आपस में शत्रुता होने से आप को माणिक्य धारण करना उचित नहीं रहेगा आप को मिनिक्य से दूर ही रहना चाहिए
मोती ----कुभ लग्न में चन्द्र षष्ठ भाव का स्वामी है और लगेश शनि का शत्रु भी है जिस कारन से आप रत्न धारण नहीं कर सकते यानी के मोती आप के लिए ठीक नहीं रहेगा
मूंगा -----इस लग्न में एक विशेष बात है की यदि आपका मंगल दशम में या फिर तीसरे भाव में मंगल हो तो आप मूंगा धारण कर सकते है अन्यथा मूंगा धारण करना आप के लिए लाभ दायक नहीं होगा
पन्ना ----कुभ लग्न वालो के लिए बुध ग्रह पंचम और अष्टम का स्वामी बनता है त्रिकोण का स्वामी होने से आप के लिए शुभ हो गया है यदि पन्ने को हीरे के साथ धारण किया जा सके तो अधिक लाभ ले अवसर मिलेगी आप पन्ने को नीलम के साथ भी धारण कर सकते है
पुखराज -----------कुभ लग्न के लिए गुरू धन भाव व् एकादश भाव का स्वामी होता है लगनेश शनि से शत्रु भाव रखता है ये आप के लिए उचित नहीं है लेकिन स्तिथि है जो आप को पुखराज धारण करने के लिए हा में उत्तर दे सकती है
हीरा ------कुभ लग्न के लिए शुक्र चतुर्थ व् नवम भाव का स्वामी होता है जो आप के लिए योग करक ग्रह है आप हीरा धारण कर सकते है यदि आप नीलम के साथ हीरा धारण कर सके तो बहुत उत्तम होगा सोने पे सुहागा
नीलम ------शनि आप के लग्न का स्वामी बनता है शनि की मूल त्रिकोण राशी लग्न में आती है नीलम आपको हमेशा शुभ फल ही देगा आप लाइफ रत्न है
अधिक जानकारी के लिए आप हम से सम्पर्क कर सकते है परन्तु समय निश्चित करे
पंडित ध्यान चन्द्र कुश ज्योतिषाचार्य
कुश ज्योतिष अनुसन्धान संस्थान
१५ फ उपरी मंजिल -पालिका बाजार
मुज़फ्फर नगर [उत्तर प्रदेश ]
सम्पर्क ---भ्रमण धवनी -----९३१९४००७२१
0 comments:
Post a Comment