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मधुमेह का रोग किन कारणों व् ग्रहों से होता है


जन्म कुंडली पांचवे भाव का पीड़ित होना ,गुरु व् शुक्र पर पाप ग्रहों का प्रभाव होना शुगर रोग को जन्म देता है ,गुरु , शुक्र का छठे भाव या फिर १२ वे भाव में होना भी शुगर रोग होने के कारन में से एक है 
यदि गुरु सूर्य के साथ अस्त हो और गुरु पर राहू का भी प्रभाव आ जाये तो भी शुगर होने के अवसर अधिक बन जाते है गुरु नीच राशी में गया हो 
मधु मेह के ज्योतिषीय विश्लेषण -इस रोग में शरीर के रस पदार्थ दूषित हो जाते है ग्रहों शुक्र व् चन्द्र जल तत्व प्रधान ग्रह एवं राशियों में कर्क ,व्र्स्चिक ,मीन ,जलीय रशिया है जब तत्व ग्रह व् जल तत्व राशियों पर दुष्प्रभाव होने लगता है शरीर में स्थित रस दूषित होने लगते है 


पंचम भाव पंचमेश पेट का प्रतिनिधत्व करते है पेट स्थित इन्सुलिन उत्पन्न करने वाली ग्रन्थि पेनक्रियाज ,अग्नाशय तथा रस को गुलोकोज में बदलते है यक्र्त का कारक गुरु को माना गया है ,मंगल रक्त का कारक माना गया है ,जब यक्र्त में शर्करा की मात्रा अधिक हो जाती है खून में मिलाकर खून को दूषित कर देती है यही शर्करा जब अधिक मात्रा में हो जाती है तो किडनी गुर्दे इसे रोक पाने में समर्थ नहीं हो पाते है जब यह शर्करा मूत्र किर्या दुवारा बहार आने लगता है 


पंडित ध्यान चन्द्र कुश ज्योतिषाचार्य 


१५ फ उपरी मंजिल पालिका बजार 
अंसारी रोड मुज़फ्फर नगर 
९३१९४००७२१

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