धनु लग्न में रत्न धारण
आज बात करते है धनु लग्न में रत्न धारण करने का वैज्ञानिक विवेचन
माणिक्य ----इस लग्न में सब से पहले हम माणिक्य की बात करते है इस लग्न में सूर्य भाग्य भाव का स्वामी होता है प्रथम बात यह की सूर्य लगनेश का मित्र है अत आप बिना किसी संकोच के माणिक्य धारण कर सकते है भाग्य उन्नति के लिए और आत्मोन्नति के लिए लाभ दायक रहेगा
मोती ----इस लग्न में चन्द्र अष्टम भाव का स्वामी है जो की अनिष्ट करी भाव है मोती दहरान करना आप के लिए उचित नहीं है
मूंगा -----इस लग्न में मंगल पंचम भाव व् १२वे भाव का स्वामी हो जात है त्रिकोण का स्वामी होने मंगल शुभ ग्रह है मूंगा धारण किया जा सकता है इसे धारण करने संतान भाग्य यश की उन्नति होती है प्राकर्म में बढ़ोत्तरी होगी
पन्ना ----इस लग्न में बुध लग्न और दशम का स्वामी होती है बुध केन्द्रधिपति दोष से युक्त माना जाता है हा यदि बुध लग्न दुसरे भाव में पंचम नवम दशम या एकादश भाव आ जाये तो दशा महादशा में पन्ना धारण किया जास एकता है
पुखराज -----इस लग्न में गुरु लग्नेश है लग्न और चतुर्थ का स्वामी है गुरु आप के लिए शुभ ग्रह है आप पिला पुखराज धारण कर सकते है यदि माणिक्य के साथ धारण किया जाय तो शुभ फलो में उन्नति होगी निसंदेह लाभ ही लाभ मिलेगा
हीरा ----इस लग्न के लिए शुक्र शुभ ग्रह नहीं और लग्नेश का शत्रु भी है कुछ स्तिथ्यो में धारण करना शुभ रहेगा ये मिलकर निर्णय ले
नीलम ------अब बात आती है नीलम की इस लग्न के लिए अशुभ ग्रह है और गुरु शत्रु ग्रह भी होता ही है आप को नीलम नहीं पहनना चाहिए
अधिक जानकारी के लिए आप हम से सम्पर्क कर सकते है परन्तु समय निश्चित करे
पंडित ध्यान चन्द्र कुश ज्योतिषाचार्य
कुश ज्योतिष अनुसन्धान संस्थान
१५ फ उपरी मंजिल -पालिका बाजार
मुज़फ्फर नगर [उत्तर प्रदेश ]
सम्पर्क ---भ्रमण धवनी -----९३१९४००७२१
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